Gavaskar ने पकड़ा कि Virat Kohli ने किस चीज़ का सहारा लिया!
विराट कोहली ने पार्थ में शतक कैसे लगाया? पुराने दिग्गज सुनील गावस्कर ने वो एक छोटी सी चीज़ पकड़ी है जिसकी वजह से वो कहते हैं कि विराट की बल्लेबाज़ी पर्थ में सुधरी हुई लगी। लेकिन पहले कोहली के आलोचकों से तो मिल लीजिए। इन आलोचकों का कहना है कि विराट ने अगर पर्थ में सैकड़ा लगाया तो उसकी वजह टीम की दूसरी पारी में अच्छी शुरुआत थी जिसकी वजह से ओपनर यशस्वी जयसवाल और केएल राहुल ने 200 से ऊपर रन जोड़े। जब शुरुआत ऐसी हो तो कोई भी बल्लेबाज़ आकर थके हुए गेंदबाज़ों को लूट लेता है। भाई, अगर ऐसा था तो ऑस्ट्रेलिया की उस थकी हुई गेंदबाज़ी को ऋषभ पंत और ध्रुव जुरैल क्यों नहीं लूट पाए। सचाई तो ये है कि पर्थ की दूसरी पारी में विराट पुराने विराट लगे। पर्थ के कप्तान और महानायक जसप्रित बुमराह तो कोहली पर ऊलजलूल सवाल से झल्ला उठते हैं। कहते हैं कि विराट को टीम इंडिया की ज़रूरत नहीं है। बल्कि टीम इंडिया को विराट की ज़रूरत है। राहुल द्रविड़ ने तो यहाँ तक कह दिया है कि उन्हें लगता है कि विराट इस श्रृंखला के बचे हुए मैचों में ख़ासे रन बटोरेंगे। अभी इस श्रृंखला में चार टेस्ट मैच बचे हैं और द्रविड़ की बात का सहारा लें तो लगता है कि विराट इन चार मैचों में दो और शतक मार सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में तो वो हमेशा से ही रन करते आये हैं। अब तक उनके ऑस्ट्रेलिया में सात शतक हो गये हैं और अगर वो दो और शतक मार लेते हैं तो इंग्लैंड के जैक हॉब्स के बराबर हो जाएँगे जिन्होंने नौ शतक लगाये थे। सचिन तेंदुलकर के सात शतकों की तो उन्होंने बराबरी कर ही ली है। द्रविड़ कहते हैं कि उन्हें कभी भी विराट कोहली आउट ऑफ़ फॉर्म नहीं लगे। द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने विराट को साउथ अफ़्रीका में कुछ बेहतरीन पारियों बहुत मुश्किल विकेटों पर खेलते देखा है। उधर सुनील गावस्कर कहते है कि विराट की बॉडी लैंग्वेज ही दूसरी पारी में ग़ज़ब थी। गावस्कर के अनुसार विराट ने दूसरी पारी में एक तकनीकी बदलाव अपनी स्टाइल में शामिल किया। दूसरी पारी में विराट थोड़ा पैर फैला के खड़े हुए जिससे जब गेंद उठती थी तो वो भी गेंद के साथ उठ जाते थे और गेंद के ऊपर आ कर शॉट लगाते थे। इससे गेंद की बाउंस पर उनका कंट्रोल रहता था। गावस्कर का कहना है कि विराट अगर 70 रन भी बनाते हैं तो लोग उन्हें असफल मानते हैं। उनका कहना है कि ये तो इसी तरह से है कि अगर रोज़र फ़ेडरर या नडाल किसी ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिता के सेमी-फाइनल में भी पहुँचे तो लोग उन्हें असफल मानते हैं। टीम इंडिया में नये अच्छे बल्लेबाज़ आ रहे हैं फिर भी विराट की ज़रूरत अभी उन्हें अगले तीन साल रहने वाली है। विराट भी तीन साल और खेल सकते हैं। ये देखते हुए कि T20 से तो उन्होंने संन्यास ले ही लिया है। और ODI क्रिकेट अब ज़्यादा होती नहीं हैं। पूरा का पूरा ध्यान अब वो टेस्ट मैचों में लगा सकते हैं। अगर घर में हम ख़राब पिच बनाना बंद कर दें, तो हमें पुराना विराट फिर वापस मिल जाएगा।